मेदांता देश का पहला अस्पताल है, जहां इस तकनीक के कारण एक व्यक्ति को कार्डियक अटैक से बचाया गया। इस तकनीक के माध्यम से मेदांता ने जुलाई 2023 से इस प्रकार के 25 मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। इस एआई तकनीक से मरीज के खून का रिसाव नियंत्रित रहता है और साथ ही उसका जोखिम भी कम होता है।
देशभर में हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं जो चिंता का कारण बन रही हैं। इस परिस्थिति में ए.आई. तकनीक मददकारी साबित हो रही है। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में AI डिवाइस “पेनम्ब्रा फ्लैश” की सहायता से 62 साल के एक व्यक्ति को हार्ट अटैक से बचाया गया।
इस तकनीक के माध्यम से नरेंद्र सिंह नामक मरीज के फेफड़ों में जमा खून के थक्कों को हटाया गया। मेदांता देश का पहला अस्पताल है, जिसने इस तकनीक का उपयोग करके एक व्यक्ति को कार्डियक अटैक से बचाया है। इस एआई तकनीक से जुलाई 2023 से इस प्रकार के 25 मरीजों का सफल इलाज किया गया है। इस तकनीक के बारे में जानकर 62 साल के नरेंद्र सिंह को पहले बार इसका लाभ हुआ। उनके बाएं पैर में खून के क्लॉट थे, जो उनके फेफड़ों तक पहुंच गए थे।
नरेंद्र ने बताया कि वे पेशे से पायलट हैं और सेना में भी सेवाएं दी हैं। हर साल वे नियमित चेकअप करवाते हैं, लेकिन उन्हें हैरानी हुई जब उन्हें पता चला कि उनका हार्ट रेट बहुत बढ़ गया है। उन्हें एंजियोप्लास्टी की सलाह मिली, लेकिन मेदांता में आने पर उन्हें इस नई तकनीक के बारे में पता चला। उन्हें इस तकनीक के साथ सर्जरी करने की सुझाव दी गई, जो सफल रही।
मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान ने बताया कि इस सर्जरी में छाती और धमनियों को खोलकर खून के थक्कों को बाहर निकाला जा सकता है इसके बजाय। एआई की सहायता से खून में जमे क्लॉट को पकड़कर बाहर निकाला जा सकता है। इस तकनीक के साथ पहले भी बड़े ऑपरेशन किए गए हैं, लेकिन इसमें कम जोखिम होता है।
एआई की सहायता से इस ऑपरेशन को करने वाले डॉ. तरुण ग्रोवर ने बताया कि जब मरीज इमरजेंसी रूम में लाए गए, तो उन्हें सही तरह से सांस नहीं ले पा रहे थे। उनके पैर में दर्द था और सूजन भी थी। हमने इस तकनीक से ब्लड क्लॉट को हटाया, जिससे मरीज को तुरंत आराम मिला और सूजन भी कम हो गई। मरीज को 48 घंटे के भीतर डिस्चार्ज कर दिया गया।