नए साल से पहले, सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वालों को एक खास तोहफा दिया है। इस योजना के लिए वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए ब्याज दर को बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि पहले इसमें 8 प्रतिशत ब्याज दिया जाता था। इसके बावजूद, सरकार ने अन्य योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है।
नए साल से पहले, सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम के निवेशकों को एक और तोहफा देने का निर्णय लिया है। सुकन्या समृद्धि योजना के लिए इस वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए ब्याज दर को 8.2 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है, जबकि पहले यह 8 प्रतिशत था। इसमें दूसरी योजनाओं की ब्याज दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।
वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए, सरकार ने लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों की घोषणा की है। सुकन्या समृद्धि योजना को छोड़कर, किसी भी योजना की ब्याज दरें बढ़ाई नहीं गई हैं। इसके तहत, सुकन्या समृद्धि योजना के लिए जनवरी से मार्च तिमाही के दौरान ब्याज दर को 8.2 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है।
दूसरी बार बढ़ी गई ब्याज दरें, इस वित्त वर्ष में यह दूसरी बार है जब सरकार ने इस योजना के लिए ब्याज दरों में बढ़ोत्तरी की है। पहली तिमाही में सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर को 7.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत कर दिया था। इस प्रकार, मौजूदा वित्त वर्ष में बेटियों के लिए इस स्कीम की ब्याज दरों में सरकार ने .6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है।
फिक्स्ड डिपोजिट स्कीम की ब्याज दरों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। सुकन्या समृद्धि योजना के साथ साथ तीन साल की सावधि जमा पर मौजूदा ब्याज दर को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं पीपीएफ और बचत जमा पर ब्याज दरें क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बरकरार रखी गई हैं।
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है, और इसकी मैच्योरिटी अवधि 115 महीने है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज दर 1 जनवरी से 31 मार्च, 2024 की अवधि के लिए 7.7 प्रतिशत पहले की तरह ही है। मासिक आय योजना (एमआइएस) के लिए ब्याज दर (7.4 प्रतिशत) में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
सुकन्या समृद्धि योजना के अलावा, सरकार ने नए साल से पहले फिक्स्ड डिपोजिट स्कीम की ब्याज दरों में भी बढ़ोत्तरी की है। सुकन्या समृद्धि योजना के साथ साथ तीन साल की सावधि जमा पर मौजूदा ब्याज दर को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, पीपीएफ और बचत जमा पर ब्याज दरें क्रमश: 7.1 प्रतिशत और चार प्रतिशत पर बनाए रखी गई हैं।
किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है, और इसकी मैच्योरिटी अवधि 115 महीने है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज दर 1 जनवरी से 31 मार्च, 2024 की अवधि के लिए 7.7 प्रतिशत पहले की तरह ही है। मासिक आय योजना (एमआइएस) के लिए ब्याज दर (7.4 प्रतिशत) में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।
इस तरह, सरकार ने निवेशकों के लिए विभिन्न योजनाओं की ब्याज दरों में सुधार करके उन्हें नए साल की शुरुआत में और भी आकर्षक बना दिया है। यह कदम निवेशकों को बचत और निवेश के लिए प्रोत्साहित करने और आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में है।