नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच यातायात को सुचारू बनाने के लिए हिंडन पुल से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन इस प्रोजेक्ट में एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। झट्टा गांव के एक किसान ने अपनी 90 मीटर जमीन प्राधिकरण को देने से इंकार कर दिया है, जिससे परियोजना प्रभावित हो रही है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा का यातायात दबाव
इन दोनों शहरों के बीच यातायात मार्गों पर पहले से भारी भीड़ रहती है। एक्सप्रेसवे, डीएससी रोड, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और बिसरख मार्गों पर भारी वाहनों का दबाव अक्सर परी चौक पर ट्रैफिक जाम का कारण बनता है। इस समस्या को सुलझाने के लिए हिंडन पुल से एक नई सड़क निर्माण की योजना बनाई गई है, जो ग्रेटर नोएडा के एलजी गोलचक्कर को सीधे जोड़ेगी और इससे यातायात का दबाव कम होने की उम्मीद है।
परियोजना का बजट
इस योजना के अंतर्गत, नोएडा की ओर लगभग 800 मीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी जिसमें दो बड़े कलवर्ट का निर्माण भी शामिल है। इस परियोजना पर लगभग 32 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि 200 मीटर हिस्से में मिट्टी और पत्थर डालने का काम पूरा हो चुका है, जबकि भारी बारिश के कारण कुछ कार्यों में रुकावट आई है। अब तक 20 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
किसान का विरोध
इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ी समस्या 90 मीटर जमीन पर अटकी है, जो झट्टा गांव के एक किसान की है। किसान ने जमीन को सीधे प्राधिकरण को सौंपने से इनकार कर दिया है और इसके बदले दूसरी जमीन और सुविधाओं की मांग कर रहा है, जबकि प्राधिकरण इसे सीधा बैनाम के रूप में लेना चाहता है। पिछले छह महीनों में दोनों पक्षों के बीच कई बैठकें हुई हैं, लेकिन समाधान नहीं निकला। अगर यह विवाद जल्दी सुलझता है, तो सड़क का निर्माण तय समय सीमा, यानी अगस्त 2025 तक पूरा किया जा सकता है।