ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसे 124 गांवों की भूमि पर बसाया गया है। शहर के विकसित होने के बावजूद, आसपास के गांवों के किसानों की समस्याएं अब भी बनी हुई हैं। अपनी मांगों के समाधान के लिए यहां के किसान समय-समय पर आंदोलन करते रहे हैं। इस बार फिर किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
पंचायत में आंदोलन का निर्णय
बुधवार को ग्रेटर नोएडा के डाढा गांव में किसानों की एक पंचायत बुलाई गई। यह पंचायत महेश भाटी की बैठक पर आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ नेता वीरेंद्र डाढा ने की और संचालन अन्नी बैरागी ने किया। पंचायत में सभी ग्रामीणों ने 18 साल से लंबित 6 प्रतिशत प्लॉट की समस्या उठाई। इतने सालों से अपनी जमीन के अधिग्रहण के बावजूद किसानों को उनका हक नहीं मिला, जिससे नाराज होकर उन्होंने प्राधिकरण के खिलाफ धरने का फैसला किया है।
वीरेंद्र डाढा ने किसानों के प्रति अपना समर्थन जताया और कहा कि वे हर किसान को जागरूक करेंगे ताकि वे प्राधिकरण के खिलाफ इस आंदोलन में हिस्सा लें। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस समस्या को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने के लिए डॉ. संजय निषाद से संपर्क करेंगे।
किसान एकता संघ के प्रदेश महासचिव सतीश कनारसी ने कहा कि यह संघर्ष किसान एकता संघ के बैनर तले मजबूती से लड़ा जाएगा। वहीं, संघ के जिला अध्यक्ष पप्पे नागर ने कहा कि यह आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक किसानों को उनका 6 प्रतिशत प्लॉट नहीं मिल जाता।
इस पंचायत में सैकड़ों किसानों ने भाग लिया, जिनमें रेसपाल भाटी, बिन्नू पहलवान, महेंद्र सरपंच, धीरज भाटी, बलजीत सिंह, विजेंद्र भाटी, ऋषिपाल ठेकेदार, चंद्रपाल बैरागी, विजयपाल, ओमकार चचुला, नीरज चचुला, सोमेंद्र भाटी और महेश पहलवान प्रमुख रूप से शामिल थे।