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जानिए, CID और CBI के बारे में ऐसी राज़दारी जो आपने कभी नहीं सुनी! सच्चाई यहाँ छिपी है!

CID और CBI के संबंध में लोग अक्सर भ्रमित रहते हैं, क्योंकि ये दोनों ही सरकारी विभाग हैं जो अपराध से जुड़े मामलों की जांच करते हैं। हालांकि, इन दोनों विभागों के बीच में विभिन्नताएं हैं। नीचे दिए गए लेख में इन दोनों विभागों के बारे में जानकारी दी गई है, साथ ही इनके बीच के अंतर को भी समझाया गया है।

अपराध जांच विभाग (CID)

CID की स्थापना 1902 में ब्रिटिश सरकार द्वारा हुई थी। यह राज्यव्यापी संगठन है जो आपराधिक अपराधों की जांच, पर्यवेक्षण, और नियंत्रण करता है। इसमें एक DIG के उप महानिरीक्षक रैंक का अधिकारी होता है जो विभाग की जांच का मुख्य दायित्व निभाता है। CID के अन्तर्गत विभिन्न शाखाएं शामिल हैं जैसे कि फिंगर प्रिंट ब्यूरो, सीबी-सीआईडी, एंटी नारकोटिक्स सेल, मानव तस्करी विरोधी एवं गुमशुदा व्यक्ति प्रकोष्ठ, आतंकवाद निरोधी दस्ता, लिखावट और फोटोग्राफिक ब्यूरो, श्वान दस्ता।

CID vs CBI

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)

CBI एक केंद्रीय सरकारी एजेंसी है जिसकी स्थापना 1941 में हुई थी। इसकी शुरुआत विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (एसपीई) के रूप में हुई थी और अप्रैल 1963 में इसका नाम केंद्रीय जांच ब्यूरो रखा गया था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसे भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के नियंत्रण में रखा गया है। CBI के प्रभागों में भ्रष्टाचार विरोधी प्रभाग, आर्थिक अपराध प्रभाग, प्रशासन प्रभाग, और विशेष अपराध प्रभाग शामिल हैं।

CID और CBI के बीच अंतर:

  • CID भारतीय राज्य पुलिस का एक विभाग है जिसने 1902 में स्थापना प्राप्त की थी।
  • CID केवल राज्य के भीतर होने वाले अपराधों की जांच में शामिल है, जबकि CBI राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय हित के अपराधों की जांच करता है।
  • CID विभिन्न राज्यों के पुलिस बल के माध्यम से संचालित होता है, जबकि CBI को केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के नियंत्रण में रखा गया है।
  • CID की जांच एक अधिकारी द्वारा की जाती है, जबकि CBI के लिए सिविल सेवा परीक्षा और अन्य प्रक्रियाएं होती हैं जिनके बाद उम्मीदवार ग्रुप ए अधिकारी बन सकता है।

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