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अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर की मार! यमुना प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई का इंतजार, जानें चौंकाने वाले खुलासे

यमुना प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों का निर्माण लगातार हो रहा है, और प्राधिकरण के अधिकारी इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। दनकौर नगर पंचायत ने अधिसूचित क्षेत्र में एक कॉलोनी का नक्शा स्वीकृत किया, जिसके लिए 25 लाख रुपये शुल्क भी वसूला गया था। हालांकि, प्राधिकरण के सीईओ ने इस कॉलोनी को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों को रोकने की जिम्मेदारी यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों की है, लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कॉलोनाइज़र अवैध निर्माण जारी रखे हुए हैं, और नगर पंचायत से स्वीकृत नक्शे के आधार पर अधिसूचित क्षेत्र में अवैध कॉलोनियां तैयार हो रही हैं।

कॉलोनाइज़र ने कॉलोनी का गेट और चारदीवारी बनाकर प्लॉटिंग का काम शुरू कर दिया है। दनकौर नगर पंचायत ने अपनी सीमा से बाहर जाकर यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में इस कॉलोनी का नक्शा मंजूर किया, और इसके लिए 25 लाख रुपये वसूले।

कॉलोनी के ध्वस्त करने का आदेश

यह मामला प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने लैंड विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, कॉलोनाइज़र के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और दनकौर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा। लेकिन, लैंड विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

लैंड विभाग की निष्क्रियता

अब तक कोई कार्रवाई न होने के कारण अधिशासी अधिकारी का तबादला हो गया है, लेकिन न ही कॉलोनाइज़र के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई और न ही स्वीकृत नक्शे को रद्द किया गया। अधिकारियों की उदासीनता के कारण अवैध निर्माण जारी है।

अवैध कॉलोनी पर अवैध निर्माण

अधिकारियों की ढिलाई के कारण कॉलोनाइज़र अब और अधिक बेखौफ हो गए हैं। उन्होंने कंक्रीट पिलरों पर लोहे का गेट लगा दिया है, चारदीवारी बना दी है और अंदर पौधे लगाकर प्लॉटिंग का काम तेजी से कर रहे हैं।

चार महीने बाद भी कार्रवाई का अभाव

सीईओ के आदेश के चार महीने बीतने के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे लैंड विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं, और अवैध कॉलोनियों का निर्माण तेजी से फैल रहा है।

35 अवैध कॉलोनियों की पहचान

लोकसभा चुनाव के दौरान प्राधिकरण ने 35 अवैध कॉलोनियों की पहचान की थी और दावा किया था कि चुनाव के बाद कार्रवाई की जाएगी। लेकिन महीनों बाद भी बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया गया है, और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

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