उत्तर प्रदेश में विकास की रफ़्तार को एक नया मुकाम देने के लिए एक भव्य योजना तैयार की गई है। मुरादनगर क्षेत्र के करीब 20 गाँवों को मिलाकर एक बिल्कुल नया और आधुनिक शहर बसाया जाएगा, जिसे “ग्रेटर गाजियाबाद” नाम दिया गया है।
प्रस्तावित शहर में कुल 175 वार्ड होंगे और इसका विकास तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद जिला प्रशासन और कई अन्य विभाग इस योजना को साकार करने में जुट गए हैं।
शहर के विस्तार के साथ रोजगार और सुविधाएँ
इस परियोजना का लक्ष्य सिर्फ भौगोलिक विस्तार नहीं, बल्कि रोज़गार के अवसर पैदा करना और बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करना भी है।
नए शहर में मुरादनगर के साथ-साथ खोड़ा, लोनी और डासना नगर पंचायत के कुछ क्षेत्र भी शामिल होंगे। शुरुआत में 13 गाँवों को जोड़े जाने की योजना थी, लेकिन हालिया सर्वे में इसे बढ़ाकर लगभग 20 गाँव कर दिया गया है।

प्रशासनिक ढांचा और ज़ोन विभाजन
ग्रेटर गाजियाबाद को कमिश्नरेट सिस्टम के तहत संचालित किया जाएगा, जहां सचिव स्तर के अधिकारी इसकी कमान संभालेंगे। शहर को तीन अलग-अलग ज़ोन में बाँटा जाएगा और हर ज़ोन का नेतृत्व आईएएस अधिकारी करेंगे। इसका उद्देश्य है कि स्थानीय प्रशासन मज़बूत और निर्णय क्षमता में तेज़ हो।
2031 के मास्टर प्लान में पहले ही गाजियाबाद, लोनी, मुरादनगर और मोदी नगर को शामिल किया गया था। अब नए शहर की सीमाओं को सड़कों के आधार पर तय किया जा रहा है, जिससे विकास का ढांचा मज़बूत और संगठित हो।
अगले चरण की तैयारी
सभी विभागों ने अपना सर्वे कार्य पूरा कर लिया है और रिपोर्ट अब अंतिम रूप में है। रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद सीमाओं का औपचारिक निर्धारण और प्रशासनिक नक्शा तैयार किया जाएगा।
शहर में आधुनिक अवसंरचना, आवासीय कॉलोनियों और व्यावसायिक क्षेत्रों का निर्माण प्राथमिकता पर रहेगा। इससे न केवल रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि पूरा इलाका आर्थिक और सामाजिक रूप से मज़बूत होगा।