दिव्या और अभिजीत ने तीन महीनों से एक दूसरे के संपर्क में रहकर लिव-इन पार्टनर का रिश्ता बना रखा था। इस अवधि के दौरान, दिव्या ने अभिजीत के विवादात्मक वीडियो और तस्वीरें मोबाइल कैमरे में कैद कर ली थीं। इसके बाद, उसने उस पर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया, जिससे परेशान होकर अभिजीत ने दिव्या को गोली मारकर हत्या कर दी।
गुरुग्राम की मॉडल दिव्या पाहुजा के हत्या केस में, पुलिस के पूर्ववेतन ने कुछ महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं जो पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। पहली बात यह है कि दिव्या की लाश होटल के रूम नंबर-111 में थी, जबकि पुलिस ने रूम नंबर-114 की तपास की और फिर थाने वापस लौट गई।
वास्तविकता में, 2 जनवरी को पुलिस को रात 9 बजे यह सूचना मिली कि The City Point Hotel के रूम नंबर-114 में दिव्या पाहुजा की हत्या हो गई है। पुलिस ने मौके पर पहुंचा, लेकिन वहां लाश नहीं मिली। इसके बाद पुलिस वापस लौट गई और इस समय हत्यारोपी अभिजीत के लिए अहम था।
रवि बांगा ने शव को हेमराज और ओमप्रकाश के साथ मिलकर चादर और कंबल में लपेटा और फिर BMW में रखकर दिल्ली साउथ एक्स को फोन किया। उसने बलराज गिल और रवि बांगा को मौके पर बुलाया और उन्हें शव को ठिकाने लगाने के लिए BMW की चाबी दी। इसके बाद वे फरार हो गए और शव को ठिकाने लगाने के लिए 10 लाख रुपये दिए गए।
दिव्या की हत्या 2 जनवरी की शाम 5 बजे हुई, लेकिन पुलिस को सूचना रात 9 बजे मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आधिकारिकता की और फिर वापस लौट गई, अगर वह सही से होटल के कमरे और सीसीटीवी कैमरे चेक करती, तो शायद हत्यारोपी को इतना समय नहीं मिलता।
पुलिस ने सीसीटीवी चेक करते समय हत्यारोपी को BMW गाड़ी से पटियाला बस अड्डे से बरामद किया है, जिसकी डिग्गी खोलने का प्रयास जारी है। डीसीपी ने बताया कि अभिजीत ने इंजीनियरिंग की है और उसने एक बड़ी कंपनी में बड़े ओहदे पर काम किया है।
अभिजीत ने बताया कि हत्या में प्रयुक्त BMW गाड़ी को पटियाला बस अड्डे से बरामद करने के बाद, उसने गाड़ी की डिग्गी खोलने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक वह सफल नहीं हो सकी है। पुलिस इसके लिए काम कर रही है ताकि गाड़ी के अंदर की और से और तात्कालिक सबूत मिल सकें।
इस मामले में एक और चुंगी है कि अभिजीत सिंह होटल का मालिक था, जिसके लिए कमरा नंबर-114 बुक रहता था। हत्या के दिन, उसके साथ दिव्या के साथ एक और व्यक्ति भी था जो रूम नंबर-114 में रुका था, जबकि अभिजीत और दिव्या रूम नंबर-111 में रुके थे।
2 जनवरी की शाम 5 बजे, अभिजीत ने दिव्या की हत्या कर दी, और फिर नशे में अभिजीत ने रिसेप्शन पर पहुंचकर मुख्य द्वार से बाहर जाने का प्रयास किया। वहां मौजूद अनूप से मिलकर उसने कहा कि पुलिस को फोन करके बताएं कि युवती की लाश 114 नंबर रूम में पड़ी है। इस बीच, अभिजीत ने बलराज गिल और रवि बांगा को भी शामिल किया और उन्हें शव को ठिकाने लगाने के लिए चाबी दी, जिसके बाद वे फरार हो गए।
इसके बाद पेट्रोल मंगवाकर होटल के कमरों और गलियारे से खून के धब्बों को साफ करवाने के लिए बुलाई गई। इस बीच, दिव्या पाहुजा ने 2023 में जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद गैंगस्टर बिंदर गुर्जर से मिलकर उससे बात की थी, जैसा कि अभिजीत ने पूछताछ में खुलासा किया है।
इस मामले में और भी कई राज छिपे हो सकते हैं, जो पुलिस की जांच के दौरान सामने आ सकते हैं।