close

पर्थला सिग्नेचर ब्रिज के नीचे बनेगा 6-लेन अंडरपास, नोएडा के यातायात में होगा बड़ा बदलाव!

नोएडा अथॉरिटी ने पर्थला सिग्नेचर ब्रिज के नीचे 6-लेन अंडरपास बनाने का निर्णय लिया है। इस प्रोजेक्ट पर 85 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत आएगी। प्रोजेक्ट के प्रजेंटेशन के लिए पीपीटी तैयार कर ली गई है, जिसे जनवरी के पहले सप्ताह में अथॉरिटी के सीईओ डॉ. लोकेश एम के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू होगी।

एफएनजी एक्सप्रेसवे के लिए महत्वपूर्ण

इस अंडरपास का प्लान डिम्ट्स द्वारा तैयार किया गया है। यह अंडरपास एफएनजी एक्सप्रेसवे पर छिजारसी से सोरखा की ओर जाने वाले मार्ग पर बनाया जाएगा। इसके निर्माण से सिग्नेचर ब्रिज से किसान चौक तक की यात्रा आसान और सुगम हो जाएगी। अंडरपास के माध्यम से सोरखा से बिसरख पर बने पुल के जरिए ग्रेटर नोएडा वेस्ट और मेरठ एक्सप्रेसवे की ओर जाना सरल होगा।

यातायात समस्या का समाधान

अभी छिजारसी के सामने अक्सर जाम की समस्या रहती है। इस अंडरपास के बन जाने से फेज-2 और सोरखा से छिजारसी के सामने से होते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की ओर आसानी से जाया जा सकेगा। यह अंडरपास यातायात को सुगम बनाने और जाम की समस्या को कम करने में सहायक होगा।

सिग्नेचर ब्रिज के नीचे होगा निर्माण

पर्थला गोलचक्कर पर स्थित सिग्नेचर ब्रिज फिलहाल सेक्टर-71 अंडरपास से किसान चौक की ओर जाने वाले यातायात को सुगम बनाता है। एफएनजी एक्सप्रेसवे के पूरी तरह चालू होने के बाद गोलचक्कर पर ट्रैफिक दबाव बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए सीईओ डॉ. लोकेश एम ने कुछ महीने पहले यहां का दौरा किया और अंडरपास निर्माण की योजना तैयार करने का निर्देश दिया था।

यह अंडरपास भविष्य में बढ़ते यातायात को नियंत्रित करने और यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से बनाया जाएगा।

क्षेत्रीय विकास में सहायक

पर्थला सिग्नेचर ब्रिज के नीचे अंडरपास का निर्माण केवल यातायात को सुगम बनाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह आसपास के क्षेत्रों के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट, सोरखा, और छिजारसी जैसे इलाकों से आने-जाने वाले लोगों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि उनका यात्रा अनुभव भी बेहतर होगा। इसके अलावा, यह अंडरपास दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख मार्गों को जोड़ने में मदद करेगा, जिससे आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

निर्माण में आधुनिक तकनीकों का उपयोग

नोएडा अथॉरिटी ने अंडरपास के निर्माण में आधुनिक और टिकाऊ तकनीकों का उपयोग करने का फैसला किया है। इसके तहत यातायात के दबाव को सहन करने के लिए मजबूत और टिकाऊ निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया जाएगा। अंडरपास के डिजाइन में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि भविष्य में बढ़ते यातायात के बावजूद इसका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

पर्यावरण संरक्षण पर जोर

परियोजना के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। अंडरपास निर्माण के आसपास पेड़ों की कटाई को न्यूनतम रखने और वैकल्पिक रूप से नए पौधों का रोपण करने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, अंडरपास के पास जल निकासी और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए जाएंगे।

अगले चरण की तैयारी

जनवरी के पहले सप्ताह में जब इस परियोजना का प्रस्ताव सीईओ के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, उसके बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। अथॉरिटी का लक्ष्य है कि इस अंडरपास का निर्माण निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।

नोएडा अथॉरिटी के इस निर्णय से न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि क्षेत्र का समग्र विकास भी होगा। यह परियोजना नोएडा के विकासशील इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक और उदाहरण बनेगी।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top