गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) ने छात्रों को आधुनिक तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से चार अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) लैब बनाने का निर्णय लिया है। ये लैब्स स्नातक और परास्नातक छात्रों को शोध और प्रोजेक्ट कार्यों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेंगी। इन लैब्स की स्थापना पर प्रति लैब 2 से 3 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
छात्रों को मिलेगा वैश्विक स्तर का प्लेटफॉर्म
कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी ने बताया कि इन एआई लैब्स का उपयोग छात्र अपने प्रोजेक्ट्स के प्रारंभिक चरणों में करेंगे। 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही दूसरी उन्नत लैब्स में छात्रों को अपने प्रोजेक्ट्स को अंतिम रूप देने का अवसर मिलेगा। इन लैब्स में अत्याधुनिक उपकरण और हाइटेक सुविधाएं होंगी, जिससे छात्रों के शोध कार्यों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सकेगी। इनका लाभ 150 से अधिक पाठ्यक्रमों के करीब 7,000 छात्रों को मिलेगा।
तकनीकी प्रक्रियाओं में मददगार
लैब्स में छात्र नई तकनीकों का उपयोग करके विभिन्न प्रक्रियाओं को समझ और हल कर सकेंगे। इनमें रीजनिंग, समस्या समाधान, परसेप्शन लर्निंग, योजना निर्माण और स्वचालन जैसे कार्य शामिल हैं। इन कार्यों को पूरा करने के लिए छात्रों को आधुनिक कंप्यूटर और उपकरणों की मदद मिलेगी।
आधुनिक नौकरियों के लिए तैयार होंगे छात्र
विश्वविद्यालय का उद्देश्य है कि युवा तकनीकी और आधुनिक कौशल के माध्यम से भविष्य की नौकरियों के लिए सक्षम बनें। इन एआई लैब्स का उपयोग स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा और स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।
शोध और नवाचार का नया अध्याय
गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में शोध को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत चार नई लैब्स बनाई जा रही हैं। यह कदम छात्रों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में मदद करेगा। इन लैब्स के माध्यम से विश्वविद्यालय छात्रों को नवाचार और तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ाने का संकल्प ले रहा है।