बिलेटेड आईटीआर क्या होता है, इसे कब और क्यों फाइल करना चाहिए?

जब कोई करदाता किसी साल के लिए अपना टैक्स भरने में अनसुविधा महसूस करता है 

और वह अंतिम तिथि तक यह कार्य पूरा नहीं कर पाता है, 

तो उसे बिलेटेड आईटीआर भरने का विकल्प होता है। 

अर्थात, जब कोई आईटीआर फाइल करता है जिसकी अंतिम तिथि बीत गई है, 

तो उसे 'बिलेटेड आईटीआर' कहा जाता है। 

बिलेटेड आईटीआर भरने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि आपको लेट फीस चुकानी पड़ती है। 

यदि आपकी करनीय आय 5 लाख रुपये से कम है, तो आपको 1000 रुपये की पेनाल्टी भी चुकानी होगी। 

जबकि अगर आपकी करनीय आय 5 लाख रुपये से अधिक है,  

तो आपको 5000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। 

सामान्य आईटीआर को सेक्शन 139(1) के तहत भरा जाता है, जबकि बिलेटेड आईटीआर को सेक्शन 139(4) के तहत भरा जाता है।